वीर सावरकर द्वारा कश्यप (धीवर) समाज के गौरवपूर्ण इतिहास का वर्णन




वीर सावरकर द्वारा कश्यप (धीवर) समाज के गौरवपूर्ण इतिहास का वर्णन

वीर सावरकर ने रत्नागिरी में रहते हुए उस समय सामाजिक और धार्मिक संक्रमण से जूझ रहे समाजों को उनके मूल गौरव और पहचान की ओर लौटाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने उल्लेख किया कि कश्यप वंशी धीवर समाज के पूर्वजों का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल में धीवर समाज के पूर्वज मराठा नौका-दल (नेवी) में कार्यरत थे और समुद्री क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

धीवर समाज समुद्री व्यापार तथा नौसैनिक गतिविधियों में दक्ष था और उन्होंने मराठा साम्राज्य की समुद्री शक्ति को मजबूत बनाने में योगदान दिया था। वीर सावरकर ने इस समाज को उनकी महान परंपराओं की याद दिलाकर पुनः उन्हें हिंदू धर्म की मूल धारा में लाने का प्रयास किया। इस कार्य के माध्यम से उन्होंने समाज को विधर्मी बनने से रोका और उनमें आत्मगौरव की भावना का संचार किया।





📖 बुक नाम - Veer Vinayak Damodar Savarkar 
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