1 - कश्यप समाज इतिहास और निषाद संस्कृति संगीता सिंह कश्यप
धीमर/कश्यप/निषाद/तुरहास/कहार जातियों की उत्पत्ति का दावा
by Digital Library Of India Publication date 1928
3- कश्यप राजपूत क्षत्रिय समुदाय का प्राचीन, मध्य एवं वर्तमान काल
4 - प्राचीन भारतीय निषाद - राजवंश
5- People of India: Chandigarh By K. S. Singh · 1992
6- जाति कोष' पृष्ठ 382
Sourse -
7- Sarvanand Universal Series Hamara Samaj By Sant Ram Edited By Vishwa Bandhu 1957 Hoshiyarpur Vishweshwaranand Vaidik Sansthan
8- Census of India, 1931 Volume 12, Part 1. By India. Census Commissioner · 1933
Source - कश्यप राजपूत जनगणना 1931
9- Rajasthan Part 2
By K. S. Singh, B. K. Lavania, D. K. Samanta · 1998
Source - Kashyap ( Kehar ) Rajasthan
10 - Caste, State and Society
Degrees of Democracy in North India By Jagpal Singh · 2020
धीमर जाति के एक विद्वान के अनुसार, इन जातियों की उत्पत्ति कालू बाबा के वंशजों से मानी जाती है।
कालू बाबा की कथा
धीमरों की मान्यता के अनुसार, एक कालू बाबा नामक महापुरुष हुए, जो अपने गहरे रंग के कारण प्रसिद्ध थे। वे एक विचलित प्रवृत्ति (संन्यासी स्वभाव) के व्यक्ति थे और ब्राह्मणों के मध्य होने वाली बहसों को ध्यानपूर्वक सुनते थे।
एक दिन, एक बहस में यह प्रश्न उठा कि "दुनिया का सबसे कठिन कार्य कौन सा है?"
ऋषि मुनि ने कालू बाबा से इस पर उनकी राय पूछी, क्योंकि वे नित्य इन चर्चाओं को सुनते रहते थे लेकिन कभी बोलते नहीं थे।
कालू बाबा ने उत्तर दिया कि "सेवा कार्य (Seva Karya) ही सबसे कठिन कार्य है।"
इस पर भगवान विष्णु ने कहा कि वे सेवा कार्य करने के लिए अवतार लेंगे।
इस विचार-विमर्श के उपरांत ऋषि मुनि ने कालू बाबा को "धीमर" की उपाधि दी।
इस शब्द की उत्पत्ति 'धिन' (बुद्धि) + 'वर' (श्रेष्ठ) से हुई, जिसका अर्थ है "श्रेष्ठ बुद्धि वाला"।
कालू बाबा की पूजा और मंदिर
धीमर/कश्यप जाति के लोगों ने कालू बाबा के सम्मान में विभिन्न स्थानों पर उनके मंदिरों का निर्माण किया है।
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राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद्