कश्यप वंश का मर्द वही, जो धरती पर मिसाल बने,
जिसकी वाणी में तेज हो, जो सत्य की ढाल बने।
जो अर्जुन सा लक्ष्य साधे, पर भीष्म सा व्रत निभाए,
जो कृष्ण सी मति रखे, पर कर्ण सा दान लुटाए।
वो मर्द नहीं जो केवल शक्ति का घमंड करे,
कश्यप का वंशज वो, जो धर्म की राह चले।
जो अधर्म से लड़ने को सुदर्शन उठा सके,
पर प्रेम से दुश्मन को भी गले लगा सके।
जिसकी रगों में कश्यप ऋषि की आस्था बहे,
जो सत्य, तप और संयम की राह चले।
जिसकी हुंकार से अधर्म कांपे,
जो सदियों तक अपने कर्म से जाने जाए।
कश्यप का वंशज वो, जो न्याय का दीप जलाए,
जो रण में शेर और अपनों के लिए साया बन जाए।
जो मरकर भी अमरता पा जाए,
जिसका नाम युगों तक गूंजता रह जाए!