जागो कश्यप के वीर जवान,
तुम हो समाज का अभिमान।
शौर्य, पराक्रम, तप की धारा,
तुम्हीं हो भविष्य का सहारा।
तुम्हारी बाहों में बल है भारी,
मन में साहस, आंखों में चिंगारी।
सपनों को अब सच कर दिखाओ,
सोई हुई चेतना को जगाओ।
ज्ञान की मशाल को थामो,
अंधकार का अंत तुम जानो।
शिक्षा और कर्म का साथ निभाओ,
हर बाधा को राह से हटाओ।
एकता की मूरत बन जाओ,
भेदभाव सब पीछे छोड़ आओ।
हाथ से हाथ मिलाकर चलो,
हर दिल में नया विश्वास भरो।
समाज की डोर तुम्हारे हाथ,
मत भूलो अपनी जात और नाथ।
इतिहास ने जो दिया सिखाया,
उसको फिर से जीवंत बनाना।
युवा शक्ति, तुम्हीं हो उजाला,
तुमसे ही होगा सबकुछ निराला।
आओ कश्यप का नाम रोशन करो,
धरती से अम्बर तक जयघोष करो।