हिरण्यकश्यप हिरण्यमय (जास्कर-लद्दाख) का राजा था जिसकी राजधानी हिरण्यपुर थी। यहाँ दैत्यवंश प्रतिष्ठित था जिसे पुराणों के अनुसार प्रजापति दक्ष की पुत्री दिति तथा कश्यप मारीचि के वंशजों ने स्थापित किया था। प्रजापति कश्यप ब्रह्मर्षि मरीचि के पुत्र थे जो ब्रह्मर्षियों में सबसे ज्येष्ठ थे। पुराणों के अनुसार ब्रह्मा ने सृष्टि-रचना का प्रारम्भब्रह्मर्षियों से किया था और स्वयंभु मनु को बाद में उत्पन्न किया। अर्थात् दैत्य-वंश, मनुष्य-वंश से पूर्व में स्थापित हुआ था। दक्ष पुत्री दनु से उत्पन्न सन्तानें दानव कही जाती थीं जो दैत्यों के सहयोगी थे, स्वाभाविक रूप से हिरण्यमय में ही आबाद थे। दानवों में प्रमुख थे हिरण्याक्ष, जम्भ, विप्रचित, शतबाहु, शम्बर, नमुचि, हयग्रीव, इलवल, पुलोमा इत्यादि।
Book name- Bharat Ke Ateet Ki Khoj