धीमर जाति के एक विद्वान के अनुसार, इन जातियों की उत्पत्ति कालू बाबा के वंशजों से मानी जाती है।
कालू बाबा की कथा
धीमरों की मान्यता के अनुसार, एक कालू बाबा नामक महापुरुष हुए, जो अपने गहरे रंग के कारण प्रसिद्ध थे। वे एक विचलित प्रवृत्ति (संन्यासी स्वभाव) के व्यक्ति थे और ब्राह्मणों के मध्य होने वाली बहसों को ध्यानपूर्वक सुनते थे।
एक दिन, एक बहस में यह प्रश्न उठा कि "दुनिया का सबसे कठिन कार्य कौन सा है?"
ऋषि मुनि ने कालू बाबा से इस पर उनकी राय पूछी, क्योंकि वे नित्य इन चर्चाओं को सुनते रहते थे लेकिन कभी बोलते नहीं थे।
कालू बाबा ने उत्तर दिया कि "सेवा कार्य (Seva Karya) ही सबसे कठिन कार्य है।"
इस पर भगवान विष्णु ने कहा कि वे सेवा कार्य करने के लिए अवतार लेंगे।
इस विचार-विमर्श के उपरांत ऋषि मुनि ने कालू बाबा को "धीमर" की उपाधि दी।
इस शब्द की उत्पत्ति 'धिन' (बुद्धि) + 'वर' (श्रेष्ठ) से हुई, जिसका अर्थ है "श्रेष्ठ बुद्धि वाला"।
कालू बाबा की पूजा और मंदिर
धीमर/कश्यप जाति के लोगों ने कालू बाबा के सम्मान में विभिन्न स्थानों पर उनके मंदिरों का निर्माण किया है।
Book name- Caste, State and Society
Degrees of Democracy in North India By Jagpal Singh · 2020