ढीमर इत्यादि उपजातियां भी यहां पिछड़ी जाति के रूप में निवास कर रही हैं। ढीमर लोग राजा बैन के यज्ञ से अपनी उत्पत्ति मानते हैं। मान्यता है कि राजा बैन (अधम न बेन समान- श्री रामचरितमानस) की जांघ से कछुआ निकला था। इस कछुए से प्रारंभ में दो वर्ग निकले पहले कहार हुए और दूसरे केवट । इन दोनों में रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं होता। ढीमर शब्द की उत्पत्ति संस्कृत 'धीवर' से हुई है। हिंदी शब्द सागर में इसे जाति विशेष माना गया है, जो मछली पकड़ने का काम करती है, किंतु इस जाति का छुआ हुआ जल द्विज लोग ग्रहण करते हैं।
Book Name - स्थान-नाम समय के साक्षी (ललितपुर जनपद के संदर्भ में)
#कश्यप #धीवर #कहार #कश्यपसमाज #kashyap #kashyapsmaj #dhivar #kehar #kashyapHistiry #mahrishikashyap
#कश्यप_समाज #धीमर_समाज #कश्यप_जाति #धीमर_जाति #कश्यप_समाज_इतिहास #धीमर_संस्कृति #कश्यप_परंपरा #कश्यप_गोत्र #भारत_में_कश्यप #कश्यप_विरासत #धीमर_समाज_गौरव #कश्यप_महिमा #कश्यप_परिवार #धीमर_पारंपरिक_जीवन #कश्यप_समाज_विकास
#KashyapSamaj #DhimarCommunity #KashyapCaste #DhimarSamaj #KashyapHistory #DhimarCulture #KashyapTradition #KashyapGotra #KashyapHeritage #DhimarPride #KashyapSociety #DhimarHistory #KashyapLifestyle #DhimarPeople #KashyapLegacy