प्रिय युवा साथियों,
आज के दौर में विचारधाराओं और विचारों की दुनिया में खो जाना बहुत आसान है। हर तरफ अलग-अलग विचारधाराएँ, आदर्श और प्रेरणाएँ आपको अपनी ओर खींचने की कोशिश करेंगी। लेकिन यह ज़रूरी है कि हम पहले अपनी प्राथमिकताओं को समझें और अपने जीवन की नींव को मज़बूत करें।
सबसे पहले, अपने माता-पिता और परिवार की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए अपने जीवन को स्थिर बनाने का प्रयास करें। आपका पहला लक्ष्य होना चाहिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र (financially independent) बनना। एक अच्छी नौकरी या स्थिर व्यवसाय आपको न केवल आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि आपको अपने परिवार का सहारा बनने का मौका भी देगा।
जब आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जाएँ, तब आप अपनी रुचियों और विचारों का अनुसरण कर सकते हैं। चाहे वह गांधीजी के आदर्श हों, मायावती जी के विचार हों, या किसी अन्य राजनीतिक, सामाजिक या व्यक्तिगत विचारधारा की ओर झुकाव—यह निर्णय आपको अपनी समझ, अनुभव और परिपक्वता के आधार पर लेना चाहिए।
याद रखें, विचारधारा से प्रभावित होना तभी सही है जब आप स्थिरता और स्वतंत्रता के स्तर पर पहुँच चुके हों। इससे पहले यदि आप इन बातों में उलझते हैं, तो यह आपका समय और ऊर्जा व्यर्थ कर सकता है।
इसलिए, पहले अपने जीवन को मज़बूत करें, अपने सपनों को साकार करें, और अपने परिवार की उम्मीदों को पूरा करें। उसके बाद, आप जो भी करना चाहें, उसे पूरे आत्मविश्वास और समर्पण के साथ करें।
"पहले खुद को खड़ा करें, फिर दुनिया को बदलने की सोचें।"
आप सभी के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ!